Sahil Saxena Leave a comment इस ज़िंदगी पर सिर्फ मेरा हक़ होता, तो कबका मौत को गले लगा लेता, पर एक वो ” माँ ” भी है , जो मेरी सलामती की दुआ करती फिरती हे।।। Post Views: 8 Copy