Sahil Saxena Leave a comment मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते थे .. फिर भीमैं चलता रहा क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे Post Views: 0 Copy